हर बार सिर्फ भड़कने से काम नही चलता ,
सौ लोग ,
सौ बाते ,
और
हज़ार तर्क
यह कोई नई बात नही है ,
अपने नज़रिए से दुनिया देखें ।
ऐसी चीजों को अगर सियासी नज़रों
और सोच के साथ देखोगे तो कहीं के नही रहोगे ।
मैं निदा फ़ाज़ली साहब को भी पढ़ता हूँ ,
और गोपाल दास नीरज जी को भी ...
मैं अक्षय कुमार की फिल्म्स भी देखता हूँ ,
और इररफन खान की भी ...
मैं शंकर महादेवन को भी सुनता हूँ ,
और राहत फतेह अली खान को भी ...
बस
मुझे तो इतना ही ज्ञान है ... बाकी असली ज्ञान
तथाकथित देशभक्तो के पास है ।
#क्योंकि
#अज्ञानी_हूँ_मैं
#सचिन_कुमार
#SchnKmrPrajapati